किये है इतने जहाँ और इक करम कर दे मेरे खुदा तू मेरी ख्वाहिशों को कम करे दे
हे कुठले रस्ते आपण घडवित जातो
वळणावर कुठली वळणे दडवित जातो
जरी सूर्य सांगतो दिशा नव्या सोनेरी
mastach
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mastach
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